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श्रीराम मन्दिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए “राम” कर रहा इंतजार !! जानिए क्या हैं श्री राममन्दिर से राजस्थान के “राम”का नाता

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January 17, 2024

जय माताजी सा , जैसा कि आप जानते हैं कि भगवान श्रीराम के मन्दिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होने वाली है परन्तु क्षत्रिय समाज का कहना है कि श्रीराम मन्दिर ट्रस्ट में उनको भागीदारी नही दी गयी । इस पर क्षत्रिय समाज ने श्रीराम मंदिर के लिए अपने 1000 वर्ष के संघर्ष और त्याग को लेकर प्रश्न पूछा हैं कि जिस मन्दिर के लिए क्षत्रियों ने अपना बलिदान दिया उनकी भागीदारी क्यूँ नही ?

जब क्षत्रियों के बलिदान और श्रीराम मन्दिर के लिए संघर्ष का प्रश्न आया तो कई न्यूज़ में उनके संघर्ष को बताया भी गया परन्तु जब राजस्थान के राजसमन्द से एक ऐसी जानकारी सामने आती हैं जो सबको आश्चर्यचकित करदेती हैं ।

दरअसल बाबरी विध्वंस को लेकर कारसेवको में अनेको क्षत्रिय मौजूद थे परन्तु बाबरी पर कलश लेकर चढ़कर सबसे पहले केसरिया ध्वजा लहराने वाले व्यक्ति में राजस्थान के राजसमन्द के सियाणा के राम सिंह चुण्डावत का नाम सामने आया हैं ।

राम सिंह चुण्डावत

राम सिंह जी की बेटियों ने अपने पिता के कार्यो की फाइल सबके सामने प्रस्तुत की जिसमे राम सिंह जी चुण्डावत के बाबरी विध्वंस के चित्र, उस समय के समाचार पत्रों में उनकी खबर , राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री श्री भैरों सिंह जी शेखावत द्वारा उन्हें इस कार्य के लिए दिया गया सम्मान जैसी अनेक जानकारी उन्होंने प्रस्तुत की ।

परन्तु आश्चर्य की बात है कि मुख्य मीडिया से राम सिंह चुण्डावत गायब होगये है । राजपूत संगठनो ने इसको लेकर अपनी प्रतिक्रिया भी दी है । राम सिंह जी चुण्डावत की पुत्री प्रमिला कुंवर चुण्डावत ने हमे इसकी जानकारी दी ।

चित्र में आपको पुरानी समाचार पत्र की कटिंग दिखाई जा रही है

प्रश्न यह आता है कि आखरी क्यूँ इतना बड़ा कार्य करने वाला क्षत्रिय मुख्य मीडिया से बाहर हैं । हम अपने इस लेख के साथ राम सिंह जी चुण्डावत के डाक्यूमेंट्स भी सलग्न कर रहे हैं ।

चित्र में आपको ध्वजा फहराते राम सिंह चुण्डावत दिखाई दे रहे हैं

हमारी मांग हैं कि भगवान श्रीराम के वंशज इस सूर्यवंशी क्षत्रिय को इनका सम्मान मिलना चाहिए । राम सिंह जी की पुत्रियों लीला कुंवर चुण्डावत , विमला कुंवर चुण्डावत एवं प्रमिला कुंवर चुण्डावत का कहना है कि श्री राममन्दिर प्राण प्रतिष्ठा में उनके पिताश्री को भी मौका मिलना चाहिए ।

अपने पूर्वज और इष्ट भगवान श्रीराम के लिए राम सिंह जी चुण्डावत द्वारा किये गये कार्य के लिए उन्हें प्राण प्रतिष्ठा आयोजन में अवसर प्रदान किया जाना चाहिए ।

राजसमन्द के लोग इस बात से गर्व अनुभव कररहे है कि उनके यहाँ के स्थानीय निवासी ने बाबरी विध्वंस में सबसे पहले ध्वजा लहराई थी । नाथद्वारा और राजसमन्द का सोशल मीडिया राम सिंह चुण्डावत के लिए आयोजन में अवसर देने की मांग कररहा हैं ।

आपको बता दे कि भगवान श्रीराम के वंशजो को लेकर मेवाड़ के सिसोदिया , मारवाड़ के राठौड़ , जयपुर के कच्छवाहा अपनी वंशावली भगवान श्रीराम से जोड़ते हैं और उनकी वंशावली में सारी जानकारी उपलब्ध हैं । राम सिंह जी चुण्डावत इसी सिसोदिया राजवंश की चुण्डावत शाखा के क्षत्रिय हैं ।

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