जय माँ भवानी , आज हम सोशल मीडिया और राजपूताना के उचित और अनुचित तथ्यों को लेकर चर्चा करने जा रहे हैं । कृपया इसे पूरा पढ़े और हर क्षत्रिय तक शेयर जरुर करें ।
आज लगभग सभी सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं चाहे प्रत्यक्ष रूप से या अप्रत्यक्ष रूप से , और कहीं न कहीं हमारे दैनिक जीवन पर भी इसका आंशिक असर देखने को मिलता हैं । चाहे कोई समाचार हो या कोई ज्ञान की बात कोई इतिहास की बात या कोई मजाक के लिए मैसेज , सोशल मीडिया पर सबकुछ लगभग मिल ही जाता हैं । क्षत्रिय समाज भी इससे अछुता नही है और राजपूताना को लेकर भी सोशल मीडिया में काफी कुछ देखने को मिलता हैं । आज हम उसी आधार पर कुछ तथ्यों पर चर्चा करेंगे जो सोशल मीडिया और राजपूताना के उचित और अनुचित तथ्य से हमे अवगत करवाएगी ।
सबसे पहले हम यह समझ लेते हैं की सोशल मीडिया पर जिस प्रकार आज कल खबर और जानकारियाँ फ़ैल रही हैं वो कई बार सत्यता की कसौटी पर खरी नही उतरती और इसी कारण इसके दुष्परिणाम भी होते हैं । अफवाह या जूठी खबरे कभी जागरूकता नही फैलाती , वे सदा द्वेष ही फेलाएंगी । राजपूताना इससे दूर नही हैं आये दिन हम राजपूताना को सोशल मीडिया पर कही न कही चर्चा में आते हुए देखते हैं । राजपूताना को लेकर उचित अनुचित दोनों टिप्पणी भी होती रहती हैं ।
अब जान लेते हैं इसके उचित और अनुचित प्रभाव को जो कि इस पीढ़ी पर पड़ रहा है और स्वाभाविक है अगर इस पीढ़ी पर इसका प्रभाव पड़ रहा है तो सीधा ये राजपूताना पर प्रभाव हैं क्योंकि यही पीढ़ी राजपूताना निर्माण करेगी ।
सबसे पहले हम उचित प्रभावों पर थोड़ा प्रकाश डालते हैं ।
1.दूर तक पहुँच और मेलजोल –
सोशल मीडिया से एक लाभ यह हुआ है कि आप देश विदेश में बैठे बैठे जुड़ पा रहे हैं और आपस में जानकारी के साथ साथ एक दुसरे के बारे में समझ भी पा रहे हैं । इससे हमारे बीच की जो भौतिक दुरी हैं उसे कम करदिया गया और हमारा मेल जोल बढ़ा हैं । यह एक सकारात्मक प्रभाव है इससे एक क्षत्रिय दुसरे क्षत्रिय से इतिहास, अपने विचार, अपने संस्कार संस्कृति, और रहन सहन के साथ विचारो का आदान प्रदान करता हैं और इसी तरह एक श्रृंखलाबद्ध होकर दूर तक पहुँच होकर मेलजोल बढ़ता हैं ।
2.जानकारी और समाचार की जानकारी प्राप्त होना –
सोशल मीडिया ने राजपूताना में एक आपसी कनेक्टिविटी की क्रांति का प्रसार किया अर्थात अब हर क्षेत्र के सुचना दूर बैठे क्षत्रिय को प्राप्त हो सकती हैं । इसका लाभ सबसे बड़ा चूँकि पहले हमेशा से ही क्षत्रिय समाज को News Media में जगह नही मिल पाई और जानकारी या इतिहास या समाचार आदि तक हमारी पहुँच नही बन पाई और इसी को दूर करके सोशल मीडिया ने एक सकारात्मक प्रभाव दिया हैं । पहले आसपास के 2 3 ठिकानों तक हम ज्यादा मेलजोल नही रख पा रहे थे आज दूर दूर के ठिकानो से जुड़कर जानकारी और एकदूसरे से मेलजोल बढ़ा हैं ।
3.जानकारियाँ उजागर होना –
क्षत्रिय राजपूताना समाज में ऐसी कई घटनाएँ या जानकारियाँ हैं जो जहाँ की हैं वही तक सीमीत रही । अगर कहीं पढ़ने या आपसी रिश्तेदारों से पता चल गया तो ठीक वरना सब चल रहा हैं । परन्तु आज यह बदल गया हैं सोशल मीडिया कनेक्टिविटी से आज हम इन इतिहास के गर्भ में दबी जानकारियों को उजागर कर जान पा रहे हैं और उनका विश्लेषण कर पा रहे हैं । यह एक बहुत बड़ा सकारात्मक प्रभाव सोशल मीडिया ने राजपूताना समाज पर डाला हैं जो की लाभकारी हैं ।
