Content Protected

सोशल मीडिया और राजपूताना के उचित और अनुचित तथ्य

Share To

Facebook
Twitter
WhatsApp
सोशल मीडिया और राजपूताना के उचित और अनुचित तथ्य

July 16, 2022

जय माँ भवानी , आज हम सोशल मीडिया और राजपूताना के उचित और अनुचित तथ्यों को लेकर चर्चा करने जा रहे हैं । कृपया इसे पूरा पढ़े और हर क्षत्रिय तक शेयर जरुर करें ।

आज लगभग सभी सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं चाहे प्रत्यक्ष रूप से या अप्रत्यक्ष रूप से , और कहीं न कहीं हमारे दैनिक जीवन पर भी इसका आंशिक असर देखने को मिलता हैं । चाहे कोई समाचार हो या कोई ज्ञान की बात कोई इतिहास की बात या कोई मजाक के लिए मैसेज , सोशल मीडिया पर सबकुछ लगभग मिल ही जाता हैं । क्षत्रिय समाज भी इससे अछुता नही है और राजपूताना को लेकर भी सोशल मीडिया में काफी कुछ देखने को मिलता हैं । आज हम उसी आधार पर कुछ तथ्यों पर चर्चा करेंगे जो सोशल मीडिया और राजपूताना के उचित और अनुचित तथ्य से हमे अवगत करवाएगी ।

सबसे पहले हम यह समझ लेते हैं की सोशल मीडिया पर जिस प्रकार आज कल खबर और जानकारियाँ फ़ैल रही हैं वो कई बार सत्यता की कसौटी पर खरी नही उतरती और इसी कारण इसके दुष्परिणाम भी होते हैं । अफवाह या जूठी खबरे कभी जागरूकता नही फैलाती , वे सदा द्वेष ही फेलाएंगी । राजपूताना इससे दूर नही हैं आये दिन हम राजपूताना को सोशल मीडिया पर कही न कही चर्चा में आते हुए देखते हैं । राजपूताना को लेकर उचित अनुचित दोनों टिप्पणी भी होती रहती हैं ।

अब जान लेते हैं इसके उचित और अनुचित प्रभाव को जो कि इस पीढ़ी पर पड़ रहा है और स्वाभाविक है अगर इस पीढ़ी पर इसका प्रभाव पड़ रहा है तो सीधा ये राजपूताना पर प्रभाव हैं क्योंकि यही पीढ़ी राजपूताना निर्माण करेगी ।

सबसे पहले हम उचित प्रभावों पर थोड़ा प्रकाश डालते हैं ।

1.दूर तक पहुँच और मेलजोल –

सोशल मीडिया से एक लाभ यह हुआ है कि आप देश विदेश में बैठे बैठे जुड़ पा रहे हैं और आपस में जानकारी के साथ साथ एक दुसरे के बारे में समझ भी पा रहे हैं । इससे हमारे बीच की जो भौतिक दुरी हैं उसे कम करदिया गया और हमारा मेल जोल बढ़ा हैं । यह एक सकारात्मक प्रभाव है इससे एक क्षत्रिय दुसरे क्षत्रिय से इतिहास, अपने विचार, अपने संस्कार संस्कृति, और रहन सहन के साथ विचारो का आदान प्रदान करता हैं और इसी तरह एक श्रृंखलाबद्ध होकर दूर तक पहुँच होकर मेलजोल बढ़ता हैं ।

2.जानकारी और समाचार की जानकारी प्राप्त होना –

सोशल मीडिया ने राजपूताना में एक आपसी कनेक्टिविटी की क्रांति का प्रसार किया अर्थात अब हर क्षेत्र के सुचना दूर बैठे क्षत्रिय को प्राप्त हो सकती हैं । इसका लाभ सबसे बड़ा चूँकि पहले हमेशा से ही क्षत्रिय समाज को News Media में जगह नही मिल पाई और जानकारी या इतिहास या समाचार आदि तक हमारी पहुँच नही बन पाई और इसी को दूर करके सोशल मीडिया ने एक सकारात्मक प्रभाव दिया हैं । पहले आसपास के 2 3 ठिकानों तक हम ज्यादा मेलजोल नही रख पा रहे थे आज दूर दूर के ठिकानो से जुड़कर जानकारी और एकदूसरे से मेलजोल बढ़ा हैं ।

3.जानकारियाँ उजागर होना –

क्षत्रिय राजपूताना समाज में ऐसी कई घटनाएँ या जानकारियाँ हैं जो जहाँ की हैं वही तक सीमीत रही । अगर कहीं पढ़ने या आपसी रिश्तेदारों से पता चल गया तो ठीक वरना सब चल रहा हैं । परन्तु आज यह बदल गया हैं सोशल मीडिया कनेक्टिविटी से आज हम इन इतिहास के गर्भ में दबी जानकारियों को उजागर कर जान पा रहे हैं और उनका विश्लेषण कर पा रहे हैं । यह एक बहुत बड़ा सकारात्मक प्रभाव सोशल मीडिया ने राजपूताना समाज पर डाला हैं जो की लाभकारी हैं ।

सोशल-मीडिया-और-राजपूताना-के-उचित-और-अनुचित-तथ्य-inside.jpg
सोशल मीडिया और राजपूताना के उचित और अनुचित तथ्य

अब कुछ अनुचित प्रभावों के बारे में चर्चा कर लेते हैं जो की सोशल मीडिया द्वारा राजपूताना समाज पर पड़ रहा हैं ।

1.भ्रामक जानकारियाँ प्राप्त होना –

सोशल मीडिया दो धारी तलवार हैं उसका ही एक रूप हैं उसका गलत उपयोग होना । आजकल कई ऐसी जानकारियाँ और पोस्ट सोशल मीडिया पर घुमती हैं जिनसे आपसी द्वेष फैलता हैं और हमारे ज्ञान को गलत दिशा मिलती हैं । जो जानकारी रखते हैं वो इसे नकार देते हैं पर ज्यादातर उस जानकारी से प्रथम बार रूबरू होते हैं और वो उसे सत्य मानकर उसके अनुसार अपने दिमाग में विचार बनाने लगते हैं । यह एक बहुत बड़ा नकारात्मक और अनुचित प्रभाव हैं जो राजपूताना समाज पर तो पड़ रहा हैं परन्तु सभी पर इसका प्रभाव नजर आता हैं । हम बिना सत्यता जाने भ्रामक जानकारियों को शेयर करने की दौड़ में शामिल होजाते हैं और गलती कर जाते हैं ।

2.गलत इतिहास प्रस्तुत होना –

आज देखने को मिलता हैं सोशल मीडिया पर जगह जगह राजपूत समाज को गलत रूप से प्रस्तुत करना या उनके बारे गलत टिप्पणी एक सामान्य बात हो चली हैं , इसका कारण ? कारण हैं गलत इतिहास का प्रचार प्रसार होना जिसके द्वारा ऐसा घटित हो रहा हैं । सही इतिहास फिल्मो में मिलता हैं न सोशल मीडिया पर , आपको उसके लिए अध्ययन के साथ साथ उसका विश्लेषण करना सीखना होगा अन्यथा आप उसे फिर गलत प्रस्तुत कर बैठेंगे । सोशल मीडिया पर आजकल हर जगह नया इतिहास या विकृत इतिहास परोसकर वायरल किया जाता हैं और उन्हें वायरल करने में आप और हम सहायक बनते हैं जबकि उनको शुरू करने वाले कौन हैं और उनका क्या उद्देश्य हम जानते नही । इसीलिए हमे इससे बचना चाहिए ।

3.भाषा अमर्यादित होना –

जैसे जैसे हम अत्याधुनिक होकर खुले विचार रख रहे हैं पर हम अपने भाषा को मर्यादा में नही रख पा रहे हैं । सोशल मीडिया का कमेंट सेक्शन इन चीजो से भरा पड़ा हैं । क्षत्रिय समाज को भाषा संस्कार में अपने शब्दों पर संयम लगाकर मर्यादा की गाँठ लगानी होगी । आपके गुणों में भाषा एक सबसे बड़ा गुण हैं और आपके इसी गुण के कारण आपने कई बार अपने विरोधी को अपना कायल करदिया । “उमराव की बोली प्यारी” यह गुण जरूरी हैं । भाषा पर मर्यादा रखने की जरूरत हैं । सोशल मीडिया पर हम जिनसे जुड़ते हैं हमे ध्यान होना चाहिए वह कौन हैं ? कमेंट करने से पहले देखना चाहिए क्या यहाँ जिससे आप बहस कररहे हैं क्या वह सच में वही इन्सान है जिसकी प्रोफाइल दिखाई जा रही हैं ? याद रखिये सोशल मीडिया पर अक्सर देखा गया हैं कि नकली आई डी (Fake ID Profile) द्वारा ऐसे भ्रामकता फैलाकर द्वेष फैलाया जाता हैं ।

4.आपसी कटुता बढ़ना-

यह बहुत अनुचित हो रहा हैं क्यूँकी कई बार हम अपनों से ही कटुता कर बैठते हैं और गलत शब्दावली द्वारा एकदूसरे से भीड़ जाते हैं । इसका लाभ क्या हुआ ? क्या आपमें कोई युद्ध जीत लिया ? वो अपनी बात पर अडिग और आप भी ! निर्णय कहाँ हुआ? वैसे कई जगह एक स्वस्थ चर्चा देखने को मिलती हैं जहाँ सभी चर्चा के बाद पुनः अपने मेल जोल वाले रिश्ते में प्रस्तुत होजाते हैं पर जो स्वस्थ चर्चा नही कर पाते वहाँ कटुता से हम एक से 2 और 2 से 200 तक जाते हैं । कई बार क्षत्रिय स्वयं आपस में भीड़ जाता हैं ! कारण ? राजनीति !! यह बड़ी दुर्दशा वाली स्थिति हैं जहाँ आपकी पार्टी के शीर्ष ;लोगो का न आपस में व्यक्तिगत बैर हैं न दूसरी पार्टी से फिर आप क्यूँ अपनी कटुता बढ़ाकर भाई से भाई में लड़ाई करते हैं ? यह कहाँ तक सही हैं ?

यह बात आप और हम समझते भी हैं परन्तु वो समय ही ऐसा होता है कि क्षत्रिय अपने क्रोध पर नियन्त्रण नही कर पाते । परन्तु हमे अब नियन्त्रण करना होगा । हम एक स्वस्थ चर्चा करके अपनी पार्टी की बात रख सकते हैं परन्तु व्यक्तिगत टिप्पणी करना क्षत्रिय को शोभा नही देता । इसलिए आपसी कटुता बढ़ना सोशल मीडिया का एक बड़ा अनुचित प्रभाव देखने को मिल जाता हैं।

क्षत्रिय समाज को यहाँ ध्यान देना चाहिए कि क्या हमे आपसी द्वेष बढ़ाना चाहिए या इस सोशल मीडिया का सदुपयोग कर समाज के विकास में योगदान करना चाहिए ? हमे यह भी जानना चाहिए और आप सभी भलीभांति जानते हैं कि सोशल मीडिया पर सामने वाला व्यक्ति जिसे आप व्यक्तिगत रूप से नही जानते वह कौन है क्या हैं ? क्यूँकी नकली प्रोफाइल (Fake Profiles) द्वारा भ्रामकता फैलाकर आपसी द्वेष या आपस में लड़ाई करवा दी जाती हैं और फिर यह चीजे वायरल होकर बड़ा रूप लेती हैं जो की समाज और देश दोनों के लिए अच्छा नही हैं ।

समाज एकता और राष्ट्र एकता के लिए आगे बढ़ें । समाज दृढ़ , सुरक्षित और विकसित रहेगा तो देश भी दृढ़ रहेगा । एक अच्छा सशक्त समाज , सशक्त देश की नींव रखता हैं और सशक्त समाज के लिए छोटी छोटी चीजो को समजना पड़ेगा। हमे संयम और शांति से कमेंट अथवा किसी पोस्ट पर तथ्यात्मक प्रतिक्रिया देनी चाहिए । क्षत्रिय समजता हैं यह में भलीभांति जानता हूँ पर फिर भी मेरे मन के सुझाव मेने प्रस्तुत किये ।

भाषा पर संयम और अपने क्रोध को पीकर उसे अपनी शक्ति बनाएं । क्रोध का सदुपयोग करना सीखिए । अपने क्षत्रिय इतिहास और अपने पूर्वजो से सीखिए जिन्होंने कई बार दुःख और खराब समय रूप विष पिया ।

आज के इस पुरे लेख सोशल मीडिया और राजपूताना के उचित और अनुचित तथ्य पर हमने संक्षिप्त रूप में चर्चा करने की कोशिश की और आपसे अपने विचार रखे । यह मेरे व्यक्तिगत विचार हैं और इसका उद्देश्य किसी को ठेंस पहुँचाना नही अपितु बस एक बात रखना हैं । शायद आप मेरी भावनाओं को समझेंगे और इन बिन्दुओ पर विचार करेंगे । आप भी अपने अनुसार अपने विचार जरुर प्रस्तुत कर कमेंट करें अथवा हमे हमारे Facebook या Instagram पर शेयर करें । क्षत्रिय राजपूत संस्थान क्षत्रिय समाज का अपना मंच हैं ।

विचार अच्छे लगे तो आप इसे शेयर जरुर करें । Whatsapp और Facebook बटन दिए गये हैं जहाँ से आप इस पोस्ट को शेयर कर सकते हैं । आपका शेयर एक अच्छा संदेश समाज में प्रसारित करेगा ।

जय माँ भवानी जय क्षात्र धर्म

और पढ़ें क्षत्रिय समाज के लिए जरूरी – क्षत्रिय समाज में आर्थिक मजबूती की जरूरत के उपाय ?

Share To

Facebook
Twitter
WhatsApp

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Choose Category

Also Read This

राजपूत समाज की राजनैतिक सशक्तिकरण में प्रगति: कैसे बढ़ें राजनीति में और समाज का भला करें

प्रस्तावना राजपूत समाज ने सदियों से देश की सेवा की है, चाहे वह युद्ध के मैदान में हो या समाज की रक्षा में। पर आज

Read More

नई पीढ़ी के राजपूत युवा: उद्यमिता और रोजगार में प्रगति का सही मार्ग

प्रस्तावना समय के साथ बदलाव अनिवार्य है, और आज के राजपूत युवाओं के लिए यह बदलाव उद्यमिता (entrepreneurship) और रोजगार (employment) के नए अवसरों में

Read More

राजपूत समाज में शिक्षा का महत्व और प्रगति के नए आयाम Rajput Samaj Mein Shiksha Ka Mahatva Aur Pragati Ke Nai Aayam

प्रस्तावना राजपूत समाज ने सदियों से अपनी वीरता और शौर्य के लिए ख्याति (fame) पाई है, लेकिन आज के दौर में शिक्षा (education) एक महत्वपूर्ण

Read More

Content Protected By DMCA

More Post By- क्षत्रिय संस्थान

ये भी पढ़ें

Category चुनें
Interested In

Royal Shopping

Shopping For Rajputi Items

Matrimony

Kshatriya Vaivahiki & Matrimony

Study & Career

Career Guidance & Study

Explore

Blogs

Read Our Blogs