चंद्रावत राजपूत मेवाड़ की सिसोदिया राजवंश की शाखा हैं । इस शाखा का इतिहास मेवाड़ के इतिहास ही नही अपितु जयपुर , इंदौर, ग्वालियर, मालवा के लिए भी महत्वपूर्ण हैं परन्तु इस शाखा का इतिहास विस्तृत रूप में बाहर नही आ पाया ।
आज हम इस शाखा से जुड़ी कुछ जानकारी जानेंगे और आगे हम इनके इतिहास,युद्ध आदि को लेकर विस्तृत जानकारी आपके सामने रखेंगे ।
चन्द्रावत सिसोदिया की बात की जाए तो इनकी मुख्य राजधानी रामपुरा है जो कि मध्यप्रदेश के नीमच जिले में हैं । रामपुरा से पूर्व इनकी राजधानी आमद (आमंद) थी जो कि आज नीमच जिले की मनासा तहसील का एक गाँव हैं । इसी आमद में चंद्रावतो के भैरूं जी गोरा बावजी बिराजे हैं । अभी इसी मंदिर का पुनः निर्माण और संरक्षण किया जा रहा हैं ।
कुलदेवी-
चंद्रावत राजपूतो की कुलदेवी चूड़ामन/चूड़ावन माता है जो की आंतरी/आंत्री गाँव में स्थित हैं और इसी गाँव से चूड़ामण/चूड़ावन माताजी आंत्री माताजी के नाम से प्रसिद्ध हैं । यह मन्दिर बहुत चमत्कारी हैं ।
चंद्रावत राजपूतो की संख्या ज्यादातर मालवा में हैं जिसमे नीमच जिला, मंदसौर,रतलाम,उज्जैन से महेश्वर से होते हुए राजगढ़ और भोपाल के आसपास हैं तो वहीं जयपुर के पास भी इनके ठिकाने हैं ।
चंद्रावत मेवाड़ से खोर,सेमली ,आंत्री, आमद और फिर रामपुरा इस तरह उन्होंने अपने मुख्य गढ़ स्थापित किये । इसके साथ ही और मुख्य गढ़ और ठिकाने है जिसकी चर्चा हम विस्तृत रूप में करेंगे ।
