आधुनिक मारवाड़ के निर्माता महाराजा उमैदसिंह जी साहिब
डाँ. महेन्द्रसिंह तँवर
इस पोस्ट को पूरा पढ़े और जानिये कि कैसे पूर्व में राजा महाराजाओं को इतना ज्ञान और प्रजा प्रेम था , जहाँ हम आज उनपर ऊँगली उठाते हैं कि उन्होंने आधुनिकता को नही अपनाया , बल्कि उन्ही महाराजाओं ने अपनी रियासतों को आधुनिकता पहले ही दे दी थी

मारवाड़ के नरेशों ने सदैव मारवाड़ क उन्नत्ति मे बड़ी भूमिका निभाई हैं । आधुनिक मारवाड़ को प्रगति के पथ पर ले जाने का श्रेय महाराजा उमैदसिंह जी को जाता हैं ।
महाराजा जसवंतसिंह जी द्वितीय के समय 1884 ई. में मारवाड़ राज्य में सार्वजनिक निर्माण विभाग की स्थापना के साथ ही एक नये इतिहास ओर युग का प्रारम्भ होता हैं । इसी को आधुनिक युग कहा गया हैं ।

मारवाड़ के इस सार्वजनिक निर्माण विभाग ने रेल, सड़के, बाँध, तालाब, कुआँ, बावड़ियाँ, कार्यालय, विशाल भवन, बिजली, टेलिफ़ोन, उधोग धन्धे, हवाई अड्डे और कई महत्वपूर्ण इमारतों का निर्माण इस विभाग स्वतंत्रता से पूर्व किये जो आज भी मिल का पत्थर हैं ।

महाराजा उमैदसिंह जी के राज्यकल 1918-1947 तक रेलवे के अनेक स्थानो का निर्माण कर हज़ारों किलोमीटर तक मारवाड़ के अनेक क़स्बों व नगरों को जोड़ा , साथ ही बीकानेर, जयपुर, अहमदाबाद, सिन्ध, उदैपुर, जैसलमेर तक भी इसका विकास किया । उड्डयन विभाग के लगभग 24 हवाई पट्टियों का निर्माण मारवाड़ के प्रत्येक परगने मे करके उन्होंने एक कीर्तिमान स्थापित किया । 1935 तक जोधपुर का हवाई अड्डा अन्तराष्ट्रीय स्तर का बनाया तथा उन्होंने जोधपुर मे फ्लाइंग क्लब भी बनाया ।

सार्वजनिक निर्माण विभाग ( PWD ) ने जोधपुर शहर मे अनेक इमारतें बनाई यथा उमैद उधान, उमैद अस्पताल, विंठम अस्पताल ( गांधी अस्पताल ) ,स्टेडियम , हाईकोर्ट भवन आदि आदि ।

जोधपुर और मारवाड़ के अलग अलग परगनो मे सैंकड़ों स्कूल भवन सरकारी भवन आदि के साथ साथ कई महतवपूर्ण भवन बनाए गए ।
जल वितरण के लियें आधुनिक बाँध और जल को फ़िल्टर करने के लिए फ़िल्टर हाउस, नहरें आदि बनाईं गयीं । जवाई बाँध उसकी नहर बनवाई गयी । विशेष कर उमैदभवन पेलेस का भी अधितर कार्य मे इसकी भूमिका रही ।

महाराजा उमैदसिंह जी के राज्यकाल में सभी प्रकार से विकास हुवा जिस कारण लोग उन्हें आधुनिक मारवाड़ के निर्माता के नाम से पुकारते हैं ।
